Zindagi apna safar tay karti to hai

कविताः - ज़िंदगी अपना सफ़र तय करती तो है।
कतरों में ही सही, ज़िंदगी मुस्कुराती तो है।
 हम न करें शरारत, किसी की शरारत हमें भाती तो है।
दावा करें लाख भूल जाने का तुझे, हर पल तेरी याद सताती तो है।
 काश, किसी राह में, किसी मोड़ पर तेरा दीदार हो जाए, ऐसी हसरत रह - रहकर दिल में आती तो है।
 तेरी तस्वीर से दिल  को बहलाने की कोशिश, तुझे पाने की चाहत  और बढ़ाती तो है।
 तुझसे दूर निकल जाने की कोशिश, और शिद्दत से तेरे पास लाती तो है।
दिलो- दिमाग की जद्‌दोजहद में ज़िंदगी,  कभी सहरा तो कभी चमन बनकर भरमाती तो है।
 सच है हसरतों और तमन्नाओं के जनाजे ढोकर भी, जिंदगी अपना सफ़र तय करती तो है।
                                                           -अनिता जैन |

Comments

Popular posts from this blog

इस बात का शुक्रगुज़ार रहूँगा।