इस बात का शुक्रगुज़ार रहूँगा।

इस बात का शुक्रगुज़ार रहूँगा।
अगर तू साथ है तो मुश्किल डगर भी आसान है,
तेरे कदमों की चाप से मिलती मेरे कदमों को जान है।
शायद लब से न कहूँ पर तू ही मेरा दिल मेरी जान है,
जो न पाऊँ आसपास तुझको लगता जहां सुनसान है।

जो हम साथ -साथ चलें तो बियाबां में भी बहार है,
हो जहां साथ पर तुम बिन जीना दुश्वार है।
हर सुबह खिलती है तब जब होता तेरा दीदार है,
तेरी पलकों के परदे गिरने पर शाम होती ढलने को बेकरार है।

तू जो साथ चलेगी जीवन मधुबन सा खिलता रहेगा,
हर खुशी बढ़ती रहेगी हर ग़म घटता रहेगा।
तुझसे ही मेरे घर का कोना- कोना संवरता रहेगा,
जीता हूँ इसी आस में कि, ताउम्र तेरा प्यार बरसता रहेगा।

जीवन की ढलती साँझ में तू मेरे साथ होगी जब थक कर बैठूंगा,
हर नज़ारा तू मेरी मैं तेरी  नज़रों देखूँगा।
बिन कहे हर बात तू मेरी मैं तेरी समझूँमा,
ख़ुदा ने तुझे बख़्शा मुझको,इस बात का शुक्रगुज़ार रहूँगा। अनिता जैन Weekendshayar

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