She is single :- When some people speak these words they have some meaningful expressions on their faces, sometimes they show expressions of pity, sometimes as if having fun or weighing her character but this status is hardly expressed in a normal way. There may be various causes for a lady to be single. She might not have got an appropriate match for herself, she could not have adjusted with her husband and in laws due to her own faults, beliefs, ideology or the same of the other side or of both the parties, she might be a divorcee or a widow. Whatever may be the cause these ladies remain in a period of deep sorrow for some days, some months or some years and during that period the tears do not dry from their eyes, sadness on the face becomes their identity, everybody takes a sigh and tries to console them but some of them laugh at back and blame her to be lethargic, not able to adjust ...
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इस बात का शुक्रगुज़ार रहूँगा।
इस बात का शुक्रगुज़ार रहूँगा। अगर तू साथ है तो मुश्किल डगर भी आसान है, तेरे कदमों की चाप से मिलती मेरे कदमों को जान है। शायद लब से न कहूँ पर तू ही मेरा दिल मेरी जान है, जो न पाऊँ आसपास तुझको लगता जहां सुनसान है। जो हम साथ -साथ चलें तो बियाबां में भी बहार है, हो जहां साथ पर तुम बिन जीना दुश्वार है। हर सुबह खिलती है तब जब होता तेरा दीदार है, तेरी पलकों के परदे गिरने पर शाम होती ढलने को बेकरार है। तू जो साथ चलेगी जीवन मधुबन सा खिलता रहेगा, हर खुशी बढ़ती रहेगी हर ग़म घटता रहेगा। तुझसे ही मेरे घर का कोना- कोना संवरता रहेगा, जीता हूँ इसी आस में कि, ताउम्र तेरा प्यार बरसता रहेगा। जीवन की ढलती साँझ में तू मेरे साथ होगी जब थक कर बैठूंगा, हर नज़ारा तू मेरी मैं तेरी नज़रों देखूँगा। बिन कहे हर बात तू मेरी मैं तेरी समझूँमा, ख़ुदा ने तुझे बख़्शा मुझको,इस बात का शुक्रगुज़ार रहूँगा। अनिता जैन Weekendshayar
कविता: तुझे ही ख़ुदा समझ बैठा। तेरे नाम की अर्ज़ियाँ ख़ुदा को देते-देते, ख़ुदा को ही भूल गया। अरसा बीता उसकी चौखट पर सर झुकाए,तुझे ही अपना ख़ुदा समझ बैठा। तेरे इश्क में डूबे शेर लिखते- लिखते,ख़ुदा की बंदग़ी भूल गया। दिन रात सोचता हूँ तुझे,तुझे ही पाक़ क़ुरान समझ बैठा। उस पुरानी झील के किनारे बैठ,लहरों को ताकना भूल गया। डूब जाता हॅूँ तेरी आँखों में, तुझे ही अपना समंदर समझ बैठा। आसमां से दिन - रात का जो राब्ता था, सब भूल गया। तू ही शम्स तू ही क़मर, तुझे ही अपना आसमान समझ बैठा। तन्हाई के आलम में ख़ुद को,अकेला समझना भूल गया। तेरी यादों की तस्वीरों से घिरा, ख़ुद को आबाद समझ बैठा। तेरे इश्क से दुनिया में रुसवाई होगी मेरी, ये भी भूल गया। तेरे ख़्वाबों में खोए-खोए मुस्कुराने को, अपनी पूरी ज़िंदगी समझ बैठा। इश्क को मंज़िल इज़हार से मिलती है,ये पूरी तरह से भूल गया। तेरे ख़्यालों में जीने में ही,अपनी मुहब्बत को मुकम्मल समझ बैठा। अनिता जैन weekendshayar Word meaning :- शम्स - सूरज (Sun) क़मर - चाँद (moon)
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