मेरी जान तू उदास क्यूं है?
मेरी जान तू उदास क्यूं है? दिल को करती है छलनी,हटा इसे, चेहरे पे ये मायूसी क्यूं है? जीना मुश्किल करती है,तेरे माथे पे शिकन, आवाज़ में बेबसी क्यूं है? मुहब्बत के नग़मे पर भी तेरे साज़ से बजती बेकसी क्यूं हैं? हूँ हैरान, हूँ परेशान,मेरी जान तू उदास क्यूं है? उजड़ी ज़मीनों पर सरसब्ज़ बाग़ खिलाने की कोशिश क्यूं है? ठूंठ पड़े पेड़ों पर पंछियों को बसाने की ख़्वाहिश क्यूं है? भरे गुलिस्तां में बैठा तू फूलों और कलियों से बेज़ार क्यूं है? भरले दामन में खिलती बहार को, मेरी जान तू उदास क्यूं है? सुनहरे कल का पैग़ाम लाई चिड़ियों का गान अनसुना क्यूं है ?नूर - ए-शम्स का इस्तकबाल कर,रोशनी से अनजाना क्यूं है? कलकल करती नदियों का संगीत सुन, तू इतना अनमना क्यूं है। इनके साथ मिला ले ताल से ताल , मेरी जान तू उदास क्यूं है? खुश होता हूँ तेरी ख़ुशी में,सोचे ज़माना ये खुश क्यूं है?कामयाबी पर झूमता हूँ तेरी तो बवाल कि ये हँसता क्यूं है? यूं रहकर रूठा- रूठा सा मेरी खुशियों का करता कत्ल-ए- आम क्यूं है? मेरी तरह सीख ले हँसकर जीना, मेरी जान तू उदास क्यूं है? जिन रास्तों को...